Thursday, December 16, 2010

दर्द के समन्दर में.......

दर्द के समन्दर में.......
चाहत के पुष्प चढाये हमने
पीड़ाओं के मन्दिर में
फिरते रहे तेरी परछाई खोजते
आकांक्षाओं के खण्डहर में
कई बार डूबकर देखा हमने
विरह की गहराईयों में
मिला न कोई हीरा-मोती
इस दर्द के समन्दर में ॰॰॰॰॰॰

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