Thursday, December 16, 2010

वो करके वादा बस आते, आते, आते रह गए

वो करके वादा बस आते, आते, आते रह गए

हम उनसे वफ़ा क़यामत तक निभाते रह गए
वो करके वादा बस आते, आते, आते रह गए

मेरी आँखों में लहू था, कुछ दिल पे ज़ख्म थे
हो शक न उसको इसलिए मुस्कराते रह गए

आस्मां तक जाने का एक ख्वाब सा देखा था
इस आस कफस में परिंदे पंख फैलाते रह गए

๑۩๑ ब्रजेन्द् ๑۩๑

No comments:

Post a Comment