है दिल फेंक आशिक जमाने में बहुत,
अपने दामन को बचा कर रखिये...
न ठहर जाये अश्क आँखों में कहीं,
अपनी पलकों को झुका कर रखिये...
ईश्क में मिलती है बस तनहाई यहाँ,
अपने दिल को गुलशन बना कर रखिये...
गम में रोना न पड़ जाये उम्र भर तुझको,
उस सितमगर को मेहमां बना कर रखिये...
बेवफ़ा हैं ये जमाने के रहनुमा सारे,
दिल के आईने में खुद को सजा कर रखिये...
एसा न हो लग जाये चोट दिल पर कोई,
अपने दिल को पत्थर सा बना कर रखिये...
कर देगी बदनाम दुनियाँ की जालिम नजरे,
खुद को दुनियाँ की नजरों से बचा कर रखिये...
अपने दामन को बचा कर रखिये...
न ठहर जाये अश्क आँखों में कहीं,
अपनी पलकों को झुका कर रखिये...
ईश्क में मिलती है बस तनहाई यहाँ,
अपने दिल को गुलशन बना कर रखिये...
गम में रोना न पड़ जाये उम्र भर तुझको,
उस सितमगर को मेहमां बना कर रखिये...
बेवफ़ा हैं ये जमाने के रहनुमा सारे,
दिल के आईने में खुद को सजा कर रखिये...
एसा न हो लग जाये चोट दिल पर कोई,
अपने दिल को पत्थर सा बना कर रखिये...
कर देगी बदनाम दुनियाँ की जालिम नजरे,
खुद को दुनियाँ की नजरों से बचा कर रखिये...
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