वह कसम तेरी बड़ी महसूस होती है
अधूरी सी ज़िन्दगी महसूस होती है
मुझे तेरी कमी महसूस होती है
ये पलकें शबनमी सी क्यों हुई है आज !!!
इन आँखों में एक नमी सी महसूस होती है
उसके होंटों पर मेरा नाम कांपता सा रह गया
जुदाई में एक तड़प सी महसूस होती है
हमेशा साथ रहने की कसम खाई थी !!!
वह कसम तेरी बड़ी महसूस होती है |
ब्रजेन्द्र यादव :---
मुझे तेरी कमी महसूस होती है
ये पलकें शबनमी सी क्यों हुई है आज !!!
इन आँखों में एक नमी सी महसूस होती है
उसके होंटों पर मेरा नाम कांपता सा रह गया
जुदाई में एक तड़प सी महसूस होती है
हमेशा साथ रहने की कसम खाई थी !!!
वह कसम तेरी बड़ी महसूस होती है |
ब्रजेन्द्र यादव :---
No comments:
Post a Comment