Thursday, February 17, 2011

मेरी लाडली

है बड़ी मासूम उसकी मुस्कुराहट क्या कहूँ !
वो सदा पहचान जाती मेरी आहट क्या कहूँ !
एक पल भी दूर उससे रह नहीं सकता हूँ मैं
गोद में ही लेते उसको मिलती राहत क्या कहूँ !
देखते ही स्नेह से चूम लेता हु उसको मै
मखमली बाँहों से उसका घेर लेना क्या कहूँ !
उसकी किलकारी मेरे कानों में अमृत घोलती
चाचा मुझे कहकर के उसका खिलखिलाना क्या कहूँ !
वो मेरी बेटी ,मेरा सर्वस्व ,मेरी जिन्दगी
है मेरे वो दिल की धड़कन और ज्यादा क्या कहूँ !


๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

उन्होंने देखा और आंसू गिर पड़े,

उन्होंने देखा और आंसू गिर पड़े,
भरी  बरसात में जैसे फूल  बिखर पड़े,
दुःख वो नहीं की उन्होंने हमे अलविदा कहा ,
दुःख तो ये  है  की उसके  बाद  वो खुद  रो पड़े…

๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

Wednesday, February 16, 2011

मेरी और उसकी आँखें











मेरी  और  उसकी  आँखें
कितनी  मिलती  जुलती  हैं
एक  जैसी  रंगत  वाली  हैं
फर्क  है तो  बस  इतना  सा
मेरी आँखों  मै  रंग  है उसका
उसकी आँखें खाली  हैं….

๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

Monday, February 7, 2011

आँखों से मोती बिखरेंगे तो रुक न पाएंगे ,


आँखों से मोती बिखरेंगे तो रुक न पाएंगे ,
तेरी यादों के सहारे हम तुझ तक आ जायेंगे
उम्र गुजर भी गयी तो क्या
धड़कन के बिना भी आपसे से उल्फत निभाएंगे..
**(*•.¸(`•.¸ ¸.•´)¸.•*)**
๑۩๑ ब्रजेन्द् ๑۩๑
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उसके पलकों से अश्को को चुरा रहा था मैं


उसके पलकों से अश्को को चुरा  रहा था मैं ,
उसके हर गम को खुशियों से सजा रहा था मैं .
जलाया उसी दिये ने मेरे हाथो  को ,
जिसकी लो को हवाओ से बचा रहा था मैं..

 
๑۩๑ ब्रजेन्द् ๑۩๑

अभी मेरे चाहने वालो में कुछ नाम बाकी है,

चले गए मुसाफिर मंजिलो की और,
पर आज भी उनके कदमो के निसान बाकी है
अभी मत कहो की हम प्यार के काबिल है,
मोहब्बत में कुछ और इलज़ाम बाकी है
सजने दो महफ़िल को कुछ और देर यारो,
अभी उनके नाम कुछ और जाम बाकी है
क्यों आते हो चहरे बदल - बदल कर,
अभी इस दिल में आपकी कुछ पहचान बाकी है
केसे लिखना छोड़ दू दिल की बाते " ऐ बेवफा "
अभी मेरे चाहने वालो में कुछ नाम बाकी है,

दिल से :- ๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑