Friday, December 30, 2011
Friday, July 8, 2011
उसकी याद मे हम बरसो रोते रहे
Tuesday, April 12, 2011
गमो से हाथ ना मिलाते तो क्या करते,
उदासियों से दिल ना लगाते तो क्या करते ,
गमो से हाथ ना मिलाते तो क्या करते,
अंधेरो ने मांगी थी भीख हमसे घर ना जलाते तो क्या करते.
๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
गमो से हाथ ना मिलाते तो क्या करते,
अंधेरो ने मांगी थी भीख हमसे घर ना जलाते तो क्या करते.
๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
Saturday, March 26, 2011
रहते हैं हम दूर तो क्या हुआ,
रहते हैं हम दूर तो क्या हुआ,
हम जुदा तो नहीं,
बात नहीं कर सकते तो क्या हुआ,
हम खफा तो नहीं,
ना मिलना हमारी मजबूरी है,
पर हम बेवफा तो नहीं…
๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
हम जुदा तो नहीं,
बात नहीं कर सकते तो क्या हुआ,
हम खफा तो नहीं,
ना मिलना हमारी मजबूरी है,
पर हम बेवफा तो नहीं…
๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
दूर है वो मुझसे है पर मैं खफा नहीं.
सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं
दूर है वो मुझसे है पर मैं खफा नहीं.
मालूम है अब भी प्यार करता है मुझे.
वो थोड़ा जिद्दी है मगर बेवफा नहीं.
๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
दूर है वो मुझसे है पर मैं खफा नहीं.
मालूम है अब भी प्यार करता है मुझे.
वो थोड़ा जिद्दी है मगर बेवफा नहीं.
๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
Friday, March 25, 2011
एक ऐसा ख्वाब जो अपना नहीं था
खुली आँखों से सारी उम्र देखा
एक ऐसा ख्वाब जो अपना नहीं था
आज तक वोह शख्स दिल में है
की जो उस वक़्त भी मेरा नहीं था..
๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
एक ऐसा ख्वाब जो अपना नहीं था
आज तक वोह शख्स दिल में है
की जो उस वक़्त भी मेरा नहीं था..
๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
जब हमको उनसे मोहब्बत थी
जब हमको उनसे मोहब्बत थी
तब उन्हें हमारी मोहब्बत पर शक था
जब उन्हें एहसास हुआ हमारी मोहब्बत का
तब हम पर किसी और का हक़ था !
๑۩๑ब्रजेन्द्र๑۩๑
तब उन्हें हमारी मोहब्बत पर शक था
जब उन्हें एहसास हुआ हमारी मोहब्बत का
तब हम पर किसी और का हक़ था !
๑۩๑ब्रजेन्द्र๑۩๑
तुमने मेरा प्यार अगर समझा होता ,
तुमने मेरा प्यार अगर समझा होता ,
तो यूं जमाने ने मुझे ना मिटाया होता,
रुसवाई तो इश्क की सौगात होती है ,
काश तुमने इसे पलकों पर उठाया होता,
तो ना ये अजब असूल कभी उल्फत का होता.
๑۩๑ब्रजेन्द्र๑۩๑
तो यूं जमाने ने मुझे ना मिटाया होता,
रुसवाई तो इश्क की सौगात होती है ,
काश तुमने इसे पलकों पर उठाया होता,
तो ना ये अजब असूल कभी उल्फत का होता.
๑۩๑ब्रजेन्द्र๑۩๑
गिला आप से नहीं कोई ,
गिला हम अपनी मजबूरियों से करते हैं.
आप आज हमारे करीब ना सही…..
मोहब्बत तो हम आपकी दूरियों से भी करते हैं.
ब्रजेन्द्र यादव
आप आज हमारे करीब ना सही…..
मोहब्बत तो हम आपकी दूरियों से भी करते हैं.
ब्रजेन्द्र यादव
Thursday, March 3, 2011
खता करे गर कोई तो, सज़ा मिलना उसूल है ,
खता करे गर कोई तो, सज़ा मिलना उसूल है ,
मेरी खता की कोई सज़ा दो , मुझे कबूल है,
तुम न बुलाओगी तो, न बोलूँगा मैं तुमसे,
ऐसा सोचती हो अगर, ये तुम्हारी भूल है,
कुछ तल्खिओं से प्यार मैला नहीं होता,
पोंछ दो ख्यालों से, ये बस वक्त की धूल है ,
सींचो तुम इसे अपनी मुस्कराहट से तो ये ,
फिर खिल उठेगा, ये प्यार का फूल है ।
๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
मेरी खता की कोई सज़ा दो , मुझे कबूल है,
तुम न बुलाओगी तो, न बोलूँगा मैं तुमसे,
ऐसा सोचती हो अगर, ये तुम्हारी भूल है,
कुछ तल्खिओं से प्यार मैला नहीं होता,
पोंछ दो ख्यालों से, ये बस वक्त की धूल है ,
सींचो तुम इसे अपनी मुस्कराहट से तो ये ,
फिर खिल उठेगा, ये प्यार का फूल है ।
๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
Thursday, February 17, 2011
मेरी लाडली
है बड़ी मासूम उसकी मुस्कुराहट क्या कहूँ !
वो सदा पहचान जाती मेरी आहट क्या कहूँ !
एक पल भी दूर उससे रह नहीं सकता हूँ मैं
गोद में ही लेते उसको मिलती राहत क्या कहूँ !
देखते ही स्नेह से चूम लेता हु उसको मै
मखमली बाँहों से उसका घेर लेना क्या कहूँ !
उसकी किलकारी मेरे कानों में अमृत घोलती
चाचा मुझे कहकर के उसका खिलखिलाना क्या कहूँ !
वो मेरी बेटी ,मेरा सर्वस्व ,मेरी जिन्दगी
है मेरे वो दिल की धड़कन और ज्यादा क्या कहूँ !
๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
वो सदा पहचान जाती मेरी आहट क्या कहूँ !
एक पल भी दूर उससे रह नहीं सकता हूँ मैं
गोद में ही लेते उसको मिलती राहत क्या कहूँ !
देखते ही स्नेह से चूम लेता हु उसको मै
मखमली बाँहों से उसका घेर लेना क्या कहूँ !
उसकी किलकारी मेरे कानों में अमृत घोलती
चाचा मुझे कहकर के उसका खिलखिलाना क्या कहूँ !
वो मेरी बेटी ,मेरा सर्वस्व ,मेरी जिन्दगी
है मेरे वो दिल की धड़कन और ज्यादा क्या कहूँ !
๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
उन्होंने देखा और आंसू गिर पड़े,
उन्होंने देखा और आंसू गिर पड़े,
भरी बरसात में जैसे फूल बिखर पड़े,
दुःख वो नहीं की उन्होंने हमे अलविदा कहा ,
दुःख तो ये है की उसके बाद वो खुद रो पड़े…
๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
भरी बरसात में जैसे फूल बिखर पड़े,
दुःख वो नहीं की उन्होंने हमे अलविदा कहा ,
दुःख तो ये है की उसके बाद वो खुद रो पड़े…
๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
Wednesday, February 16, 2011
Monday, February 7, 2011
अभी मेरे चाहने वालो में कुछ नाम बाकी है,
चले गए मुसाफिर मंजिलो की और,
पर आज भी उनके कदमो के निसान बाकी है
अभी मत कहो की हम प्यार के काबिल है,
मोहब्बत में कुछ और इलज़ाम बाकी है
सजने दो महफ़िल को कुछ और देर यारो,
अभी उनके नाम कुछ और जाम बाकी है
क्यों आते हो चहरे बदल - बदल कर,
अभी इस दिल में आपकी कुछ पहचान बाकी है
केसे लिखना छोड़ दू दिल की बाते " ऐ बेवफा "
अभी मेरे चाहने वालो में कुछ नाम बाकी है,
दिल से :- ๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
पर आज भी उनके कदमो के निसान बाकी है
अभी मत कहो की हम प्यार के काबिल है,
मोहब्बत में कुछ और इलज़ाम बाकी है
सजने दो महफ़िल को कुछ और देर यारो,
अभी उनके नाम कुछ और जाम बाकी है
क्यों आते हो चहरे बदल - बदल कर,
अभी इस दिल में आपकी कुछ पहचान बाकी है
केसे लिखना छोड़ दू दिल की बाते " ऐ बेवफा "
अभी मेरे चाहने वालो में कुछ नाम बाकी है,
दिल से :- ๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑
Wednesday, January 12, 2011
बे वजह उसने जाने क्यों दूरी कर दी
बे वजह उसने जाने क्यों दूरी कर दी
बिछड़ के मोहब्बत ही अधूरी कर दी
मेरी किस्मत में गम आये तो क्या
खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी |
ब्रजेन्द्र यादव :-
बिछड़ के मोहब्बत ही अधूरी कर दी
मेरी किस्मत में गम आये तो क्या
खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी |
ब्रजेन्द्र यादव :-
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