Friday, December 30, 2011

आप सभी को नव वर्ष २०१२ मुबारक हो


                                               आपका अपना दोस्त
                                                 ๑۩๑ ब्रजेन्द् ๑۩๑

एक दिन दर्द ने दोलत से कहा

Monday, December 5, 2011

मैं करूँ भी तो कैसे गुमाँ खुद पर
यहाँ हर शख्स खुद से बेहतर नज़र आता है |

Wednesday, July 27, 2011

ठुकरा के उसने  हमे  हसने  को  कहा हम हस दिए सवाल उसकी खुशी का था
हमने वो खोया जो कभी हमारा न था पर उसने वो खोया जो सिर्फ उसी का था |


 ๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

Tuesday, July 26, 2011

"मंजिल तो मिल ही जायेगी भटक कर ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकला ही नहीं करते |

ब्रजेद्र यादव

Friday, July 8, 2011

गिला  नही ज़िन्दगी से मुझको कोई खोया वो जो कभी पाया ही नही  था
मिलती भी मंजिल कैसे इस पागल  दिल को छुना चाहा वो मुकाम जिसका रास्ता ही नहीं था |


ब्रजेन्द्र

उसकी याद मे हम बरसो रोते रहे

उसकी  याद  मे  हम  बरसो  रोते  रहे  बेवफा  वो निकले  बदनाम  हम होते  रहे
मोहब्बत  में  मदहोशी  का  आलम  तो  देखिये  धुल  चेहरे  पर  थी  और  हम  आइना  धोते रहे |


ब्रजेन्द्र

Tuesday, April 12, 2011

गमो से हाथ ना मिलाते तो क्या करते,

उदासियों  से  दिल ना लगाते तो  क्या  करते ,
गमो  से हाथ  ना मिलाते  तो क्या करते,
अंधेरो ने  मांगी  थी  भीख  हमसे  घर  ना जलाते  तो क्या करते.


๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

Saturday, March 26, 2011

रहते हैं हम दूर तो क्या हुआ,

रहते  हैं  हम दूर तो क्या  हुआ,
हम  जुदा  तो नहीं,
बात  नहीं कर  सकते  तो क्या हुआ,
हम खफा तो नहीं,
ना मिलना  हमारी  मजबूरी  है,
पर हम बेवफा तो नहीं…
 ๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

दूर है वो मुझसे है पर मैं खफा नहीं.

सब  कुछ  है मेरे  पास  पर दिल की दवा  नहीं
दूर  है वो  मुझसे  है पर मैं  खफा  नहीं.
मालूम  है अब  भी प्यार  करता  है मुझे.
वो थोड़ा जिद्दी  है मगर  बेवफा  नहीं.
 ๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

Friday, March 25, 2011

एक ऐसा ख्वाब जो अपना नहीं था

खुली आँखों  से  सारी उम्र  देखा
एक  ऐसा  ख्वाब जो  अपना  नहीं  था
आज  तक  वोह  शख्स दिल  में  है
की जो उस  वक़्त  भी मेरा नहीं था..

๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

जब हमको उनसे मोहब्बत थी

जब  हमको  उनसे  मोहब्बत  थी
तब उन्हें  हमारी  मोहब्बत पर  शक  था
जब उन्हें एहसास  हुआ  हमारी मोहब्बत का
तब हम  पर किसी  और  का हक़  था !
๑۩๑ब्रजेन्द्र๑۩๑ 

तुमने मेरा प्यार अगर समझा होता ,

तुमने मेरा प्यार अगर समझा होता ,
तो यूं  जमाने  ने  मुझे  ना  मिटाया  होता,
रुसवाई  तो  इश्क  की  सौगात  होती  है ,
काश  तुमने इसे  पलकों  पर  उठाया  होता,
तो  ना ये अजब असूल कभी उल्फत  का  होता.


๑۩๑ब्रजेन्द्र๑۩๑ 

गिला आप से नहीं कोई ,

गिला हम अपनी मजबूरियों से करते  हैं.
आप आज हमारे करीब ना सही…..
मोहब्बत तो हम आपकी दूरियों से भी  करते हैं.

ब्रजेन्द्र यादव

Thursday, March 3, 2011

खता करे गर कोई तो, सज़ा मिलना उसूल है ,

खता करे गर कोई तो, सज़ा मिलना उसूल है ,
मेरी खता की कोई सज़ा दो , मुझे कबूल है,
तुम न बुलाओगी तो, न बोलूँगा मैं तुमसे,
ऐसा सोचती हो अगर, ये तुम्हारी भूल है,
कुछ तल्खिओं से प्यार मैला नहीं होता,
पोंछ दो ख्यालों से, ये बस वक्त की धूल है ,
सींचो तुम इसे अपनी मुस्कराहट से तो ये ,
फिर खिल उठेगा, ये प्यार का फूल है ।


 ๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

Thursday, February 17, 2011

मेरी लाडली

है बड़ी मासूम उसकी मुस्कुराहट क्या कहूँ !
वो सदा पहचान जाती मेरी आहट क्या कहूँ !
एक पल भी दूर उससे रह नहीं सकता हूँ मैं
गोद में ही लेते उसको मिलती राहत क्या कहूँ !
देखते ही स्नेह से चूम लेता हु उसको मै
मखमली बाँहों से उसका घेर लेना क्या कहूँ !
उसकी किलकारी मेरे कानों में अमृत घोलती
चाचा मुझे कहकर के उसका खिलखिलाना क्या कहूँ !
वो मेरी बेटी ,मेरा सर्वस्व ,मेरी जिन्दगी
है मेरे वो दिल की धड़कन और ज्यादा क्या कहूँ !


๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

उन्होंने देखा और आंसू गिर पड़े,

उन्होंने देखा और आंसू गिर पड़े,
भरी  बरसात में जैसे फूल  बिखर पड़े,
दुःख वो नहीं की उन्होंने हमे अलविदा कहा ,
दुःख तो ये  है  की उसके  बाद  वो खुद  रो पड़े…

๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

Wednesday, February 16, 2011

मेरी और उसकी आँखें











मेरी  और  उसकी  आँखें
कितनी  मिलती  जुलती  हैं
एक  जैसी  रंगत  वाली  हैं
फर्क  है तो  बस  इतना  सा
मेरी आँखों  मै  रंग  है उसका
उसकी आँखें खाली  हैं….

๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

Monday, February 7, 2011

आँखों से मोती बिखरेंगे तो रुक न पाएंगे ,


आँखों से मोती बिखरेंगे तो रुक न पाएंगे ,
तेरी यादों के सहारे हम तुझ तक आ जायेंगे
उम्र गुजर भी गयी तो क्या
धड़कन के बिना भी आपसे से उल्फत निभाएंगे..
**(*•.¸(`•.¸ ¸.•´)¸.•*)**
๑۩๑ ब्रजेन्द् ๑۩๑
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उसके पलकों से अश्को को चुरा रहा था मैं


उसके पलकों से अश्को को चुरा  रहा था मैं ,
उसके हर गम को खुशियों से सजा रहा था मैं .
जलाया उसी दिये ने मेरे हाथो  को ,
जिसकी लो को हवाओ से बचा रहा था मैं..

 
๑۩๑ ब्रजेन्द् ๑۩๑

अभी मेरे चाहने वालो में कुछ नाम बाकी है,

चले गए मुसाफिर मंजिलो की और,
पर आज भी उनके कदमो के निसान बाकी है
अभी मत कहो की हम प्यार के काबिल है,
मोहब्बत में कुछ और इलज़ाम बाकी है
सजने दो महफ़िल को कुछ और देर यारो,
अभी उनके नाम कुछ और जाम बाकी है
क्यों आते हो चहरे बदल - बदल कर,
अभी इस दिल में आपकी कुछ पहचान बाकी है
केसे लिखना छोड़ दू दिल की बाते " ऐ बेवफा "
अभी मेरे चाहने वालो में कुछ नाम बाकी है,

दिल से :- ๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

Wednesday, January 12, 2011

बे वजह उसने जाने क्यों दूरी कर दी

बे वजह  उसने  जाने  क्यों  दूरी  कर दी
बिछड़  के मोहब्बत ही अधूरी कर दी
मेरी किस्मत में गम आये तो क्या
खुदा  ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी |
ब्रजेन्द्र यादव :-