(¨`•दिल की लहरें .•´¨)
Tuesday, July 26, 2011
"मंजिल तो मिल ही जायेगी भटक कर ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकला ही नहीं करते |
ब्रजेद्र यादव
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