(¨`•दिल की लहरें .•´¨)
Friday, July 8, 2011
उसकी याद मे हम बरसो रोते रहे
उसकी याद मे हम बरसो रोते रहे बेवफा वो निकले बदनाम हम होते रहे
मोहब्बत में मदहोशी का आलम तो देखिये धुल चेहरे पर थी और हम आइना धोते रहे |
ब्रजेन्द्र
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