Saturday, March 26, 2011

रहते हैं हम दूर तो क्या हुआ,

रहते  हैं  हम दूर तो क्या  हुआ,
हम  जुदा  तो नहीं,
बात  नहीं कर  सकते  तो क्या हुआ,
हम खफा तो नहीं,
ना मिलना  हमारी  मजबूरी  है,
पर हम बेवफा तो नहीं…
 ๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

दूर है वो मुझसे है पर मैं खफा नहीं.

सब  कुछ  है मेरे  पास  पर दिल की दवा  नहीं
दूर  है वो  मुझसे  है पर मैं  खफा  नहीं.
मालूम  है अब  भी प्यार  करता  है मुझे.
वो थोड़ा जिद्दी  है मगर  बेवफा  नहीं.
 ๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

Friday, March 25, 2011

एक ऐसा ख्वाब जो अपना नहीं था

खुली आँखों  से  सारी उम्र  देखा
एक  ऐसा  ख्वाब जो  अपना  नहीं  था
आज  तक  वोह  शख्स दिल  में  है
की जो उस  वक़्त  भी मेरा नहीं था..

๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑

जब हमको उनसे मोहब्बत थी

जब  हमको  उनसे  मोहब्बत  थी
तब उन्हें  हमारी  मोहब्बत पर  शक  था
जब उन्हें एहसास  हुआ  हमारी मोहब्बत का
तब हम  पर किसी  और  का हक़  था !
๑۩๑ब्रजेन्द्र๑۩๑ 

तुमने मेरा प्यार अगर समझा होता ,

तुमने मेरा प्यार अगर समझा होता ,
तो यूं  जमाने  ने  मुझे  ना  मिटाया  होता,
रुसवाई  तो  इश्क  की  सौगात  होती  है ,
काश  तुमने इसे  पलकों  पर  उठाया  होता,
तो  ना ये अजब असूल कभी उल्फत  का  होता.


๑۩๑ब्रजेन्द्र๑۩๑ 

गिला आप से नहीं कोई ,

गिला हम अपनी मजबूरियों से करते  हैं.
आप आज हमारे करीब ना सही…..
मोहब्बत तो हम आपकी दूरियों से भी  करते हैं.

ब्रजेन्द्र यादव

Thursday, March 3, 2011

खता करे गर कोई तो, सज़ा मिलना उसूल है ,

खता करे गर कोई तो, सज़ा मिलना उसूल है ,
मेरी खता की कोई सज़ा दो , मुझे कबूल है,
तुम न बुलाओगी तो, न बोलूँगा मैं तुमसे,
ऐसा सोचती हो अगर, ये तुम्हारी भूल है,
कुछ तल्खिओं से प्यार मैला नहीं होता,
पोंछ दो ख्यालों से, ये बस वक्त की धूल है ,
सींचो तुम इसे अपनी मुस्कराहट से तो ये ,
फिर खिल उठेगा, ये प्यार का फूल है ।


 ๑۩๑ब्रजेन्द्๑۩๑