Wednesday, December 4, 2013


jholi faila kar manga khuda se unhe...
par khuda ne meri fariyad ko suna hi nahi...
maine pucha aakhir kya hai wajah...
to kaha kyu chuna use jo tere liye bana hi nahi.... Brajendra

Saturday, September 7, 2013

Pyar mein marne jeene ki kasme khati thi wohMere saath hi apna saara waqt bitati thi woh jane kya khata hui thi mujhse mere dosto na jane kyo aaj raah chalte mujhse muh chupati hai woh…

Saturday, August 17, 2013

असमा के तारे अक्सर पूछते है


असमा के तारे अक्सर पूछते है हमसे क्या तुम्हे आज भी इंतज़ार है उसके लौट आने का. और ये दिल मुस्कुरा के कहता है मुझे तो अब तक यक़ीन ना हुआ उसके चले जाने का..

Monday, December 17, 2012

प्रेम यदि मैंने ईश्वर के साथ किया होता तो आज मैं इतना अकेला नहीं होता।"

यात्रियों से खचाखच भरी ट्रेन में टी.टी.ई. को एकपुराना फटा सा पर्स मिला। उसने पर्स को खोलकर यह
पता लगाने की कोशिश की कि वह किसका है। लेकिन पर्स
में ऐसा कुछ नहीं था जिससे कोई सुराग मिल सके। पर्स मेंकुछ पैसे और भगवान श्रीकृष्ण की फोटो थी। फिर उस... टी.टी.ई. ने हवा में पर्स हिलाते हुए पूछा -"यहकिसका पर्स है?"एक बूढ़ा यात्री बोला -"यह मेरा पर्स है। इसे कृपया मुझेदे दें।"टी.टी.ई. ने कहा -"तुम्हें यह साबितकरना होगा कि यह पर्स तुम्हारा ही है। केवल तभी मैं यह
पर्स तुम्हें लौटा सकता हूं।"उस बूढ़े व्यक्ति ने दंतविहीन
मुस्कान के साथ उत्तर दिया -"इसमें भगवान श्रीकृष्ण
की फोटो है।"टी.टी.ई. ने कहा -"यह कोई ठोस सबूत
नहीं है। किसी भी व्यक्ति के पर्स में भगवान श्रीकृष्ण
की फोटो हो सकती है। इसमें क्या खास बात है? पर्स में
तुम्हारी फोटो क्यों नहीं है?"
बूढ़ा व्यक्ति ठंडी गहरी सांस भरते हुए बोला -"मैं तुम्हें
बताता हूं कि मेरा फोटो इस पर्स में क्यों नहीं है। जब मैं
स्कूल में पढ़ रहा था, तब ये पर्स मेरे पिता ने मुझे
दिया था। उस समय मुझे जेबखर्च के रूप में कुछ पैसे मिलते थे।
मैंने पर्स में अपने माता-पिता की फोटो रखी हुयी थी।
जब मैं किशोर अवस्था में पहुंचा, मैं अपनी कद-काठी पर
मोहित था। मैंने पर्स में से माता-पिता की फोटो हटाकर
अपनी फोटो लगा ली। मैं अपने सुंदर चेहरे और काले घने
बालों को देखकर खुश हुआ करता था। कुछ साल बाद
मेरी शादी हो गयी। मेरी पत्नी बहुत सुंदर थी और मैं उससे
बहुत प्रेम करता था। मैंने पर्स में से अपनी फोटो हटाकर
उसकी लगा ली। मैं घंटों उसके सुंदर चेहरे
को निहारा करता।
जब मेरी पहली संतान का जन्म हुआ, तब मेरे जीवन
का नया अध्याय शुरू हुआ। मैं अपने बच्चे के साथ खेलने के लिए
काम पर कम समय खर्च करने लगा। मैं देर से काम पर
जाता ओर जल्दी लौट आता। कहने की बात नहीं, अब मेरे
पर्स में मेरे बच्चे की फोटो आ गयी थी।"
बूढ़े व्यक्ति ने डबडबाती आँखों के साथ
बोलना जारी रखा -"कई वर्ष पहले मेरे माता-
पिता का स्वर्गवास हो गया। पिछले वर्ष
मेरी पत्नी भी मेरा साथ छोड़ गयी। मेरा इकलौता पुत्र
अपने परिवार में व्यस्त है। उसके पास मेरी देखभाल का क्त
नहीं है। जिसे मैंने अपने जिगर के टुकड़े की तरह पाला था,
वह अब मुझसे बहुत दूर हो चुका है। अब मैंने भगवान कृष्ण
की फोटो पर्स में लगा ली है। अब जाकर मुझे एहसास हुआ है
कि श्रीकृष्ण ही मेरे शाश्वत साथी हैं। वे हमेशा मेरे साथ
रहेंगे। काश मुझे पहले ही यह एहसास हो गया होता।
जैसा प्रेम मैंने अपने परिवार से किया, वैसा प्रेम यदि मैंने
ईश्वर के साथ किया होता तो आज मैं
इतना अकेला नहीं होता।"
टी.टी.ई. ने उस बूढ़े व्यक्ति को पर्स लौटा दिया। अगले
स्टेशन पर ट्रेन के रुकते ही वह टी.टी.ई. प्लेटफार्म पर बने
बुकस्टाल पर पहुंचा और विक्रेता से बोला -"क्या तुम्हारे
पास भगवान की कोई फोटो है? मुझे अपने पर्स में रखने के
लिए चाहिए।...

जिन्दगी की उदास रातोँ मेँ, इक दीया अब भी टिमटिमाता है। ऐ-वक़्त! करदे उसे भी गुल, ढल चुकी रात, अब कौन आता है?


"दिल गुमसुम, जुबां खामोश, ये आँख आज नाम क्यूँ है., जब तुझे कभी पाया ही नही था तो तुझे खोने का गम क्यूँ है.."


Monday, January 30, 2012

जिन्दगी हर पल ढलती है जैसे रेत मुठ्ठी से फिसलती है,


जिन्दगी हर पल ढलती है जैसे रेत मुठ्ठी से फिसलती है, गिले शिकवे कितने भी हो हर हाल में दोस्तों के संग हंसते रहो क्योकि मुस्कराहटो से ही जिन्दगी चलती है।
๑۩๑ ब्रजेन्द् ๑۩๑

कामयाबी और नाकामी

 कभी भी कामयाबी को दिमाग में और नाकामी को दिल में जगह नहीं देना चाहिए क्योंकि... कामयाबी दिमाग में गुरूर और नाकामी दिल में मायूसी पैदा कर देती है।
๑۩๑ ब्रजेन्द् ๑۩๑

Friday, December 30, 2011

आप सभी को नव वर्ष २०१२ मुबारक हो


                                               आपका अपना दोस्त
                                                 ๑۩๑ ब्रजेन्द् ๑۩๑

एक दिन दर्द ने दोलत से कहा