तुमने मेरा प्यार अगर समझा होता ,
तो यूं जमाने ने मुझे ना मिटाया होता,
रुसवाई तो इश्क की सौगात होती है ,
काश तुमने इसे पलकों पर उठाया होता,
तो ना ये अजब असूल कभी उल्फत का होता.
๑۩๑ब्रजेन्द्र๑۩๑
तो यूं जमाने ने मुझे ना मिटाया होता,
रुसवाई तो इश्क की सौगात होती है ,
काश तुमने इसे पलकों पर उठाया होता,
तो ना ये अजब असूल कभी उल्फत का होता.
๑۩๑ब्रजेन्द्र๑۩๑
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